साहित्य दर्शन पत्रिका का भव्य ऑनलाइन विमोचन सम्पन्न

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*साहित्य की ये सरिता यूँ ही अविरल बहती रहे:- कुशवाह*
 भवानीमंडी |

अखिल भारतीय साहित्य परिषद इकाई भवानीमंडी द्वारा प्रकाशित साहित्य दर्शन ई पत्रिका के चतुर्थ अंक पावस प्रकृति और प्रीति का विमोचन भव्य ऑनलाइन विमोचन समारोह में सोमवार को मुख्य अतिथि भंवरसिंह कुशवाह प्रधान संपादक बालाजी टाइम्स के कर कमलों से किया गया।   ऑनलाइन विमोचन समारोह के संयोजक एवम साहित्य दर्शन पत्रिका के प्रधान संपादक  डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित ने बताया कि इस अंक में 18 रचनाकारों की श्रेष्ठ रचनाएँ संकलित है।जो परिषद द्वारा प्रदत्त विषय पर आधारित है।   समारोह के विशिष्ट अतिथि कवयित्री गीता दुबे जी, कवि महावीर प्रसाद जैन, विशेष सानिध्य शोभा राम नागर शोभित एवम राजेन्द्र आचार्य रहे।  इससे पूर्व गणेश स्तुति व सरस्वती वंदना कवि राजेश पुरोहित ने प्रस्तुत की।मुख्य अतिथि महोदय भँवर सिंह कुशवाह ने अपने उद्बोधन में कहा “पटल पर उपस्थित सभी साहित्कारों का आत्मीय अभिनन्दन, साहित्य की यह सरिता यूँ ही अविरल बहती रहे और इसमें मेरे योग्य जो भी आदेश होगा मैं मन,वचन और कर्म से उसका पालन करूँगा।आज मुझे इस योग्य समझने के लिए आप सभी का आत्मीय आभार विशेष रूप से आदरणीय राजेश जी का।”

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बहुरूपी प्रकृति

Tue Jul 7 , 2020
जिस प्रकार बहरूपिया बदल लेता है नित अपना रूप इसी प्रकार प्रकृति भी लेती है बदल नित नया रूप कभी हवा सुहावनी कभी धूल भरी आंधी कभी शीत-लहर कभी झुलसाती लू कभी धुंध कभी बरसात कभी ओलावृष्टि कितने रूप बदलती है प्रकृति विनोद सिल्ला फतेहाबाद (हरियाणा) Post Views: 803

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।