अभिषेक औदीच्य श्रेष्ठ समीक्षाधीष से हुये सम्मानित

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साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा 25 अप्रैल 2019 को दैनिक विषय रामायण पर सारगर्भित प्रस्तुति न सिर्फ पटल को सुहागा किये बल्कि चार चाँद लगा दिये पटल दैनिक रामायण विषय पर लगभग 25 से ज्यादा प्रतिभागियों ने अभिव्यक्ति के माध्यम से
अपनी सारगर्भित प्रस्तुति दी ।यह आयोजन समय प्रातः 10 बजे से शाम 7 बजे के बीच होता है,फलस्वरूप पंचपरमेश्वर द्वारा चयन किया जाता है,दैनिक कार्यक्रम में श्रेष्ठ रचनाकार आद अजय मंडलोई,श्रेष्ठ टिप्पणीकार नवीन कुमार भट्ट नीर,श्रेष्ठ समीक्षाधीष आद अरूण कुमार श्रीवास्तव,
आद अभिषेक औदीच्य जी रहे ज्ञातव्य हो की
अभिषेक औदीच्य जी ने द्वितीय पाली में आई सभी रचनाओं पर भावपक्ष/कलापक्ष दोनों रूपों में बड़ी बारीकी से गहन कर अपनी सटीक समीक्षा की गई जिससे न सिर्फ रचना गौरवान्वित हुई अपितु रचनाकारों का उत्साह वर्धन हुये,हिंदी साहित्य की यह अनूठी समीक्षा थी,इस भूमिका को देखते हुये साहित्य संगम संस्थान के बोली विकास मंच अधीक्षक आद रिखब चंद राँका कल्पेश जी ने 501 रूपये से इस समीक्षा पर अभिषेक औदीच्य जी को पुरस्कृत कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।संस्था के अध्यक्ष आद मंत्र जी,अलंकरण व सह सचिव आद कदंब जी सहित संस्था परिवार ने इनको सम्मानित होनें पर इनके उत्साह वर्धन के लिये मंगल कामना किये,अभिषेक औदीच्य जी ने पुरस्कृत राशि को साहित्य संगम संस्थान के शालाकोष में जमा कराते हुये हिंदी की यह अद्वितीय शाखा के अग्रिम पथ पर कीर्तिमान जगाये,यही कामना की साथ ही श्रेष्ठ समीक्षाधीश ने अपनी बात रखी कि

“समीक्षक की भूमिका बिल्कुल वैसी ही होती है जैसे नंगी तलबार पर नंगे पांव चलना।
आज की द्वितीय पाली की समीक्षा मैने अपने अल्पज्ञान और स्वविवेक के आधार पर की है सम्भव है मुझसे त्रुटियां हुई होंगी अतः मैं आप सबसे अग्रिम क्षमा याचना करता हूँ ।मेरा उद्देश्य किसी को भावनाओं को आहत करने का नहीं है।”

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।