बता माँ तू क्यों गई हार 

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mukesh rishi varma

माँ तुमने मुझसे क्यों दामन छुड़ा लिया
जीवन देने से पहले मेरा जीवन मिटा दिया

बताओ तो सही क्या कसूर था मेरा
मैं कोई गैर तो न थी, खून थी तेरा

तेरे गर्भ में स्वप्न थे पाले सुन्दर-सुन्दर
एक पल में हो गये सारे चकनाचूर

जन्म अगर मुझको तू दे देती
बन कोयल तेरे आंगन में कूकती

माँ तू कैसे भूल गई, नारी सृष्टि का आधार
बिन नारी के जग हो जायेगा बेकार

एक बार तो लड़लेती अपनों और परायों से
मुझे बचा लेती असामाजिक हत्यारों से

मैं भी देख लेती तेरा संसार
बता माँ तू क्यों गई हार…?

#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl

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