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‘दुखिया”तू गमों की मारी,दुखियारी, बेचारी..
ये मार्मिक नामकरण?????
नहीं!नहीं!
अब सुलझ चुके समीकरण।।
नारी नहीं बेचारी।।।
न ही दुखों की मारी।।
ये अबला,अब
बन चुकी “सबला”
पुरजोर हौसला कर रहा,लाचारी का नाश,
आज की नारी ,छू रही आकाश।।।
गगन हो या धरती
“विवशता” अब, नारी के समक्ष,
पानी है भरती।।।।
आकांक्षाओं के पंख पसारे, सफलताओं के उच्च शिखर की ओर,कर रही इशारे,
जा पहुंची अब वह,
अंतरिक्ष तक,
झुक गया नारी के सम्मान में,
ये फलक।।।।।
पत्थरों से पानी निकाल,
वर्तमान,भविष्य रही सम्भाल।।।।
साहस,धैर्य,सहनशीलता की प्रतिमूर्ति,
प्रेम ,कला,प्रज्ञा की ये भव्य कृति।।।
नारी,तू नारायणी भी,चंडी भी,ब्राह्मणी भी-
सर्वरूप,कल्याणी भी,मर्मज्ञ ,मृदु वाणी भी,
“नूपुर”!!!!
तू नहीं गमों की मारी,
दुखिया नहीं तू,न ही बेचारी!!!!
#नवनीता दुबे”नूपुर”
परिचय
नाम-श्रीमती नवनीता दुबे”नूपुर”
शिक्षा-एम. ए.(हिंदी साहित्य)&B.ed.
अस्तु,शिक्षा विभाग (शासकीय) में ,अध्यापक हूं, वर्तमान में Brcc office ,नारायणगंज मण्डला में BAC के पद पर कार्यरत हूं।।
पिता-श्री ब्रिजेन्द्र कुमार दुबे(एडवोकेट)
पति का नाम -श्री मनोज कुमार दुबे।
पता -प्रज्ञानगर,देबदरा,मण्डला mp
उपलब्धियां-समसामयिक रचनाओं का प्रकाशन,पत्र पत्रिकाओं ,में एवम,मेरी 1 काव्य संग्रह (नूपुर की सरगम)का पूर्व में प्रकाशन हो चुका है।
जे एम डी ,पब्लिकेशन दिल्ली के द्वारा।
रुचि-पठन पाठन,संगीत,लेखन।
साहित्यिक संस्थाओं की सदस्यता,व सहभागिता।।
जे एम डी पब्लिकेशन द्वारा,विशिष्ट हिंदीसेवी,सम्मान,अंतरा शब्दशक्ति2018 सम्मान, राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा सम्मान(हिंदी सेवी
सम्मान2016,
स्थानीय पत्रों ,तथा लोकजंग,भोपाल एवम अपराधों की दुनिया इंदौर पत्रों में समसामयिक रचनाएं प्रकाशित होती रहतीं हैं।।
(नूपुर की सरगम )द्वितीय काव्य संग्रह प्रकाशन की तैयारी है।।।
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