स्त्री

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kiran mishra
स्त्री,
स्त्री भर नहीं होती
वह जब होती है !
अपने प्रियतम की मोहोब्बत में,
अाकाश, पाताल ना सिर्फ धरा,
बल्कि
वह पूर्ण ब्रह्माण्ड होती हैं !
जिसकी रूह विचरती है,
इबादत में
उस पूर्ण शून्य में,
और तब,
तब वह “देवी” होती है
अक्षुण्ण-प्रेम का आकार ले चुकी स्त्री !!””
#किरण मिश्रा “स्वयंसिद्धा”
परिचय : 
नाम- किरण मिश्रा “स्वयंसिद्धा”
माता का नाम-श्री मती सावित्री देवी
पिता का नाम-कामता प्रसाद तिवारी
पति का नाम-जितेन्द्र कुमार मिश्रा
जन्मतिथि – 28 मार्च
जन्मस्थान – फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) 
शिक्षा-एम.ए.संस्कृत बी. एड.,NET उत्तीर्ण 
व्यवसाय – पूर्व आकाशवाणी उद्घोषिका,वर्तमान में  गृहसंचालिका
प्रकाशित कृति- 
एकल संग्रह
1-सुगन्धा (हाइकु संग्रह)
2-मिस यू कान्हा (दोहा और मुक्तक संग्रह)
1-सृजन समीक्षा (समीक्षा पत्रक) किरण मिश्रा)

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।