पाक तेरी नपाक करतुत

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ankit jain

पाक तेरी नपाक करतुत पर देश कर रहा है धिक्कार
बच कर रहना जाग ना जाये युवा शक्ति का संग्राम
खून दिया जिनने देश की खातिर आपना छोड़ कर घर बार
हमभी बदला लेगे तुमसे ईतना तेज महा विकराल
ढुंढे नहीं मिलेगे कतरे ढूंढ लेना सारा पाक तमाम

भूल गये तुम महाराणा ने छक्के कितनो  के छुड़ा दिये
झांसी वाली रानी ने धड़ जमीन रख गिना दिए
उन अंग्रेजों ने भी ईक दिन आपना घुटना टेका था
पाक तुझे भी सबक मिलेगा बस चिल्लाते रह जाओगे
नतमस्तक हो भारत मां के चरणों वन्दे मातरम गाओगे

जरा तुमने सोचा होता ईक बच्चे से पापा का प्यार
जरा तुमने सोचा होता ईक  बेटे पर मां का दुलार
जरा तुमने सोचा होता उस विधवा का शृंगार
तुम से क्या उम्मीद हम करे दया धर्म का नाम नहीं
दिल तो है पर दिल ही नहीं इन्सा है इन्सान नहीं

तुम पीठ पीछे बार करके कायरता दिखलाते हो
डरते हो और छुपते हो  वीरो से घबराते हो
अब पीठ पर नहीं सीने पर गोली दांगी जायेगी
भूकम्प भी होगी आंधी भी होगी जब जोश दिलो में आयेगा
पाकिस्तान की गलियों में भी धव्ज भारत का लहरायेगा

नाम-अंकित जैन
साहित्यिक उपनाम-विरागांकित
जन्म स्थान -पथरिया
वर्तमान पता- पथरिया जिला दमोह
राज्य-मध्यप्रदेश
शहर-पथरिया
शिक्षा- बी. ए.(अध्ययनरत)
विधा -गीत/कविता/लेख
अन्य उपलब्धियाँ- संगीत में गाना और बजाना दोनों में ही समाज के चहेता
लेखन का उद्देश्य- मात्र भाषा हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करना 

matruadmin

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