मै हूं एक मिट्टी का घड़ा

0 0
Read Time1 Minute, 9 Second

मै हूं एक मिट्टी का घड़ा,
सड़क के किनारे मै पड़ा।
बुझाता हूं मै सबकी प्यास,
कुम्हार मुझे लिए है खड़ा।।

खुदाने से खोदकर मिट्टी लाता है,
तब कहीं कुम्हार मुझे बनाता है।
बड़ी मेहनत से सुखा तपा कर,
तब कहीं वह मुझे बाजार लाता है

बुझाता हूं प्यासे की प्यास मै ही,
कुम्हार के बच्चो का पेट पालता हूं।
कहता नहीं मै किसी से कुछ भी,
गरीब के घर को मै ही संभालता हूं।।

ले लिया स्थान मेरा वाटर कूलरो ने
या फ्रिज मे बोतलो में समा गया हूं।
फिर भी गरीब के घर की शोभा हूं मैं,
उनके दिलों में मै ही समा गया हूं।

छेद कर देते है कुछ लोग मेरे पेट में।
टोटी लगा देते है फिर उसी वे छेद में।
करता नहीं जरा भी उफ उस दर्द से,
क्योंकि ठंडा पानी जाता है सबके पेट में।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

कवि 'सावन' में असीम संभावनाएँ

Wed Apr 14 , 2021
गालिब ने कहा था, “खेल बच्चों का हुआ, दीन ए दीना न हुआ, वह आंख क्‍या जो कतरे में समन्दर को न देख ले। ” कतरे में समन्दर को देखने वाली आँख कविता की आँख होती है। ‘सावन’ के पास वह आँख है, जिससे उन्होंने लहरों, जलचरों और तूफानों को […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।