इंसानियत

0 0
Read Time1 Minute, 21 Second
anupa harbola
“तिन्नी एक कप चाय और चार पीस ब्रेड को सेक कर रवि को दे दे। दस बज गए हैं, फिर उसके खाना खाने का समय हो जाएगा।” नीतू ने अपनी बेटी को कहा।
“मम्मी! मैं नहीं बना सकती ,मैंने नेल पेंट लगाया है, खराब हो जाएगा, रोज तो देती हो चाय नाश्ता, एक दिन नहीं दोगी तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।वैसे भी सरकार उसे पैसे देती है,  हमारे घर  काम करने के, ये बहुत बुरी आदत है आपकी, अपने से ज्यादा दूसरे के बारे में सोचती हो आप” तिन्नी ने उत्तर दिया।
“फर्क पड़ेगा बेटा, सुबह से वो धूप में काम कर रहा है, हमारी बगिया के फूलों की देखभाल करता है, हमारा फ़र्ज़ नहीं कि उसकी देखभाल करें।”
“कहीं लिखा है कि उसे चाय नाश्ता देना है।”
“हाँ लिखा है, इंसानियत की किताब में लिखा है, अमीर को तो सब खिलाते है,गरीब को खिलाना इंसान होने की सबसे बड़ी निशानी है…,अगर ये बुरी आदत है तो गर्व है मुझे अपनी बुरी आदत पर।”
#अनूपा हरबोला
विद्यानगर (कर्नाटक)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आधी आबादी 

Sat Oct 6 , 2018
दुनिया की जनसंख्या में आधी आबादी महिलाओं की है . दुनिया के प्रत्येक देश में इन की दशा व दिशा में भिन्नता है परिस्थितियां व परिवेश सहित परंपरागत मान्यताओं से यह प्रभावित होती है . इन सब के बावजूद भारतीय समाज मे नारी की दुर्दशा चिंतनीय है . चिंतनीय इस […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।