सावन आवन कह गये,धनके लोभ विदेश।
प्रीत रीत भूले सभी , तन मन रहे कलेश।
तन मन रहे कलेश, रात दिन नींद न आवे।
लग जाए कहिँ नैन , रैन में सपन सतावे।
“लाल” पपीहा मोर,शब्द दादुर मन भावन।
प्यासी चातक देख, निहारूँ आवन सावन।
. 2. *पावस*.
पावस सावन मास मे , शिव जी के उपवास।
सखी सहेली मिल करे,साजन नित उपहास।
साजन नित उपहास, पिया परदेश बसत हैं।
नई नई नित नार , राह भर तंज कसत है।
कहे लाल कविराय,बिजुरिया तन सुलगावन।
नित बरसे ये नयन ,झड़ी ज्यों पावस सावन।
. 3. *बिरखा*
बरसे बिरखा सावनी,फसल सजे संगीत।
दादुर पपिहा मोर अहि,खोजे अपने मीत।
खोजे अपने मीत, नचत गावत वन डोले।
शिव पूजा नर नार , हरे हर बम बम बोले।
कहे लाल कविराय,चुनर धानी जो सरसे।
शिव से है अरदास ,नित्य ही बिरखा बरसे।
. 4. *सावन वर्षा*
बरसा सावन रात भर , उफने बंध तलाव।
खेत लबालब हो रहे,नदियाँ चलती नाव।
नदियां चलती नाव , राग मल्हारें गावत।
कागज की है नाव, बालपन नीर बहावत।
कहे लाल सुन बाल,खेलकर के मन हरषा।
नेह स्नेह व दुलार , प्रीत कर सावन बरसा।
. 5. *विरह बधूटी*
विरह बधूटी सावनी ,रूठे मत हर बार।
बार बार बेरुखि करे, टूट जाय घर बार।
टूट जाय घर बार , कई ईमान हारते।
शेष महेश सुरेश, नहीं विश्वास धारते।
कहे’लाल’कविराय,आस खुशहाली टूटी।
बचा रहे निज मान ,पावनी विरह बधूटी।
नाम- बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः