उम्र भर सवालों में उलझते रहे

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rupesh jain

उम्र भर सवालों में उलझते रहे, स्नेह के स्पर्श को तरसते रहे

फिर भी सुकूँ दे जाती हैं तन्हाईयाँ आख़िर किश्तोंमें हँसते रहे

आँखों में मौजूद शर्म से पानी, बेमतलब घर से निकलते रहे

दफ़्तर से लौटते लगता है डर यूँ ही कहीं बे-रब्त टहलते रहे

ख़ाली घर में बातें करतीं दीवारों में ही क़ुर्बत-ए-जाँ1 ढूढ़ते रहे

किरदार वो जो माज़ी2 में छूटे कोशिश करके उनको भूलते रहे

 जब भी मिली महफ़िल कोई, छुप के शामिल होने से बचते रहे

करें तो भी क्या गुनाह तेरा और लोग फिकरे3 मुझपे कसते रहे

कभी मंदिर के बाहर गुनगुनाते रहे तो कभी हरम में छुपते रहे

मिला ना कोई राही ‘राहत’ तुर्बत-ए-अरमान4 पर फूल सजते रहे

शब्दार्थ:

  1. क़ुर्बत-ए-जाँ :- जीवन की निकटता (कोई अपना सा)
  2. माज़ी :-अतीत
  3. फिकरे :- व्यंग
  4. तुर्बत-ए-अरमान :- आशाओं की क़ब्र 

#डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।