उम्र भर सवालों में उलझते रहे

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rupesh jain

उम्र भर सवालों में उलझते रहे, स्नेह के स्पर्श को तरसते रहे

फिर भी सुकूँ दे जाती हैं तन्हाईयाँ आख़िर किश्तोंमें हँसते रहे

आँखों में मौजूद शर्म से पानी, बेमतलब घर से निकलते रहे

दफ़्तर से लौटते लगता है डर यूँ ही कहीं बे-रब्त टहलते रहे

ख़ाली घर में बातें करतीं दीवारों में ही क़ुर्बत-ए-जाँ1 ढूढ़ते रहे

किरदार वो जो माज़ी2 में छूटे कोशिश करके उनको भूलते रहे

 जब भी मिली महफ़िल कोई, छुप के शामिल होने से बचते रहे

करें तो भी क्या गुनाह तेरा और लोग फिकरे3 मुझपे कसते रहे

कभी मंदिर के बाहर गुनगुनाते रहे तो कभी हरम में छुपते रहे

मिला ना कोई राही ‘राहत’ तुर्बत-ए-अरमान4 पर फूल सजते रहे

शब्दार्थ:

  1. क़ुर्बत-ए-जाँ :- जीवन की निकटता (कोई अपना सा)
  2. माज़ी :-अतीत
  3. फिकरे :- व्यंग
  4. तुर्बत-ए-अरमान :- आशाओं की क़ब्र 

#डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।