#प्रीतम मेघवालपरिचय: प्रीतम मेघवाल डुंगरपुर ज़िला के मूलतः गाँव कोलखण्डा(राजस्थान) में रहते हैं। मातृभाषा से प्रेम के कारण कविता एवं शायरी लिखने का शौक है।
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महंगी पड़ गयी तुम्हारी मोहब्बत हमें
कुछ लिया भी नहीं और सब कुछ दे दिया
वैसे इतना भी बुरा नही था ये सौदा
हमको भी तो मिला रात भर आँख खुली रखने का काम
आँख मिच के भी ना सोने का काम
बिना तुम्हारी इजाज़त के तुम्हे याद करने का काम
सस्ती पड़ गयी हमें याद तुम्हारी
जब चाहे तब मिली है, मुफ़्त में
वैसे इतना भी सस्ता नही था सौदा
तुम्हें मिलने से पहले खुद को संभालना होता है
लड़खड़ाते हुए भी प्यार निभाना होता है
कम्बख़त उसी वक़्त तुम्हे भी ओझल होना होता है।
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