#प्रीतम मेघवालपरिचय: प्रीतम मेघवाल डुंगरपुर ज़िला के मूलतः गाँव कोलखण्डा(राजस्थान) में रहते हैं। मातृभाषा से प्रेम के कारण कविता एवं शायरी लिखने का शौक है।
Read Time1 Minute, 5 Second
महंगी पड़ गयी तुम्हारी मोहब्बत हमें
कुछ लिया भी नहीं और सब कुछ दे दिया
वैसे इतना भी बुरा नही था ये सौदा
हमको भी तो मिला रात भर आँख खुली रखने का काम
आँख मिच के भी ना सोने का काम
बिना तुम्हारी इजाज़त के तुम्हे याद करने का काम
सस्ती पड़ गयी हमें याद तुम्हारी
जब चाहे तब मिली है, मुफ़्त में
वैसे इतना भी सस्ता नही था सौदा
तुम्हें मिलने से पहले खुद को संभालना होता है
लड़खड़ाते हुए भी प्यार निभाना होता है
कम्बख़त उसी वक़्त तुम्हे भी ओझल होना होता है।
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
October 15, 2020
मिसाइल मैन : डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
-
January 16, 2020
प्रार्थना पत्र 06
-
May 18, 2017
एकांत अमीरी…..
-
September 14, 2017
इंसान बिकता है…