
आई रे आई रे आई,
बसन्त ऋतु आई रे आई।
लाई रे लाई रे लाई,
खुशियों के ढ़ेर भर लाई।
कलियाँ चटकी,फूल मुस्काए,
भँवरे उनपर देखो मंडराए।
पवन चली पुरवाई ,
बसन्त ऋतु आई रे आई।
आई रे आई रे आई,
बसन्त ऋतु आई रे आई………
खुशबू बिखरी,गुलशन महके,
वृक्षों पर देखो पंक्षी चहके।
कोयल कुहुक मचाई,
बसन्त ऋतु आई रे आई।
आई रे आई रे आई,
बसन्त ऋतु आई रे आई….
हर डाली पर कोपल आईं,
सूरज की किरणें मुस्काईं।
तितली है शरमाई ,
बसन्त ऋतु आई रे आई।
आई रे आई रे आई,
बसन्त ऋतु आई रे आई….
सर्दियों की ये करने विदाई,
गर्मी की देखो आहट लाई।
रख दो कम्बल रजाई,
बसन्त ऋतु आई रे आई।
आई रे आई रे आई,
बसन्त ऋतु आई रे आई….
लाई रे लाई रे लाई,
खुशियों के ढ़ेर भर लाई।
स्वरचित
सपना (स. अ.)
प्रा .वि.- उजीतीपुर
वि. ख.- भाग्यनगर
जनपद- औरैया