महंगी पड़ गयी तुम्हारी मोहब्बत हमें कुछ लिया भी नहीं और सब कुछ दे दिया वैसे इतना भी बुरा नही था ये सौदा हमको भी तो मिला रात भर आँख खुली रखने का काम आँख मिच के भी ना सोने का काम बिना तुम्हारी […]
महंगी पड़ गई तुम्हारी मोहब्बत हमें, कुछ लिया भी नहीं और सब कुछ दे दियाl वैसे इतना भी बुरा नहीं था ये सौदा, हमको भी तो मिला रातभर आँख खुली रखने का काम आँख मींच के भी न सोने का काम, बिना तुम्हारी इजाज़त के तुम्हें याद करने का काम […]
तुमसे ही चलती हैं साँसें,तुम जीवन का आधार प्रिये, तुमसे ही जगमग जीवन है,तुम प्राणों का संचार प्रिये। तुम आओ जीवन में मेरे,मैं मानूँगा उपकार प्रिये, तुम तक ही सारा जीवन है,तुमसे ही ये संसार प्रिये। तुम बूंदें हो,तुम ही बादल,तुम ठंडी एक फुहार प्रिये, तुम तक ही सब रिश्ते […]
मुझे क्यों भुला रहे हो, दूर तुमसे जा रही हूँ.. क्यों नहीं बुला रहे हो, अपनी मैं हूँ तुम्हारी.. पहले थी मैं सबको प्यारी, बेजुबाँ तुम लोग थे जब.. बोलना मैंने सिखाया, बहन देवनागरी ने कैसे लिखना है […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।