Read Time2 Minute, 2 Second
मुक्त- छंद
शुभ दृश्य मनोहरतम
दृश्यांकन सुन्दरतम
लुभाया, ठहर न पाया
मन बढ गया वहाँ से।
मन गति आरंभ कहाँ से?
सुनी सप्तसुर लहरी
छायी मानस पर गहरी
मगन गुनगुनाता सा
चल दिया फिर वहाँ से।
मन गति आरंभ कहाँ से?
मनभावन उपवन का संग
गंध विविध पुष्प मकरंद
सुहाती मंद त्रिविध समीर
पवन संग उड़़ चला वहाँ से।
मन गति आरंभ कहाँ से?
स्पर्श कोमल लख ठहरा
तनिक विश्राम ले संभला
गत श्रम फिर चंचल बन
विचलित हो बढा वहाँ से
मन गति आरंभ कहाँ से?
विविध रस व्यंजनों का स्वाद
तृप्ति अनुभव वश प्रमाद
अल्प समय रहा अवरोध
अवश सा हट गया वहाँ से।
मन गति आरंभ कहाँ से?
भान निज स्वरूप का होता
विषय ब्रह्मानंद का संजोता
पहचान उद्गम स्त्रोत ठहरता
नहीं हट पाता हरि दर्शन से।
मन गति आरंभ यहाँ से।
#पुष्पा शर्मा
परिचय: श्रीमती पुष्पा शर्मा की जन्म तिथि-२४ जुलाई १९४५ एवं जन्म स्थान-कुचामन सिटी (जिला-नागौर,राजस्थान) है। आपका वर्तमान निवास राजस्थान के शहर-अजमेर में है। शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। कार्यक्षेत्र में आप राजस्थान के शिक्षा विभाग से हिन्दी विषय पढ़ाने वाली सेवानिवृत व्याख्याता हैं। फिलहाल सामाजिक क्षेत्र-अन्ध विद्यालय सहित बधिर विद्यालय आदि से जुड़कर कार्यरत हैं। दोहे,मुक्त पद और सामान्य गद्य आप लिखती हैं। आपकी लेखनशीलता का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है।
Post Views:
526
Tue Jul 3 , 2018
दोस्तों आज हमारा देश जिस दौर से गुजर रहा है उस सब के जिम्मेदार भी हम सभी लोग है / यदि समय रहते पहले से ही हम और आप शतर्क हो जाते तो शायद हमें आज ये दिन देखने को नहीं मिलते / पहले तो हम लोग सस्ते समाने समझ […]