पैसा  ईश्वर  तो नहीं, नहीं ईश  से न्यून। जग में पैसा बोलता, रिश्ते  सनते खून।। ईश्वर भी है वो बड़ा, जिस पर चढ़े करोड़। जग में  पैसा बोलता, रिश्ते  पीछे   छोड़।। पैसे से  पद  बिक  रहे, पैसे से सम्मान। जग में पैसा  बोलता, बिकते हैं  ईमान।। वैवाहिक रिश्तें बिकें, कहते […]

.            ●◆● जहाँ वतन हो प्राण से प्यारा, ● कफन तिरंगा चाहत है। जगत गुरू की पदवी वाला, ● स्वर्ण पखेरू भारत है। ज्ञान धर्म संदेश अहिंसा, ● दूर देश तक जाता है। सुन्दर पावन धरा भारती, ● वीर सपूती माता है। आओ साथी वंदन करलें, ● भारत की इस […]

हे,मनुज विश्व में,पृथ्वी पर जीवन है जितने। पर्यावरण हित क्या पृथ्वी पर वृक्ष है उतने। पृथ्वी पर जल जीवन वायु,सब साज सजे है। पर्यावरण को भूल मनु ने कितने कृत्य सृजे है ईश,प्रकृति,मानव निर्मित,ये सब जो आवरण चहुँमुखी अर्थ भला सब मिल होते पर्यावरण विकास के निमित्त,नितनूतन इतिहास रचाए इसी […]

आजकल हम सब लोग पश्चिमीकरण और आधुनिकता की दौड़ में इतने अंधे हो चुके हैं कि हम अपनी भारतीयता को, अपनी भारतीय संस्कृति को, सभ्यता को, भारतीय मूल्यों को भूलते जा रहे हैं ,जो वास्तव में पृथ्वी का आधार कहीं जा सकते हैं। मैंने इस छोटी सी कहानी के माध्यम […]

मुक्त- छंद शुभ दृश्य मनोहरतम दृश्यांकन सुन्दरतम लुभाया, ठहर न पाया मन बढ गया वहाँ से। मन गति आरंभ कहाँ से? सुनी सप्तसुर लहरी छायी मानस पर गहरी मगन गुनगुनाता सा चल दिया फिर  वहाँ से। मन गति आरंभ कहाँ से? मनभावन उपवन का संग गंध विविध पुष्प मकरंद सुहाती […]

जिन्दगी है  ऐसी कली। जो काँटों के बीच पली। पल्लवों संग झूल झूले, महकी सुमन बनकर खिली। जिन्दगी  राहें अनजानी। किसकी रही ये पहचानी। कहीं पुष्पसज्जित राजपथ, कहीं पगडण्डियाँ पुरानी। जिन्दगी सुख का सागर । जिन्दगी नेह की गागर। किसी की आँखों का नूर , धन्य विश्वास को पाकर।  जिन्दगी […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।