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ए मोहब्बत मेरी तुम ,
लगती हो जैसे ढलती शाम,
उगता रवि,चलती पवन
कवि की कविता,शायर की शायरी
गुलज़ार की गजल,प्रेम की कहानी
पक्षियों का कलरव, कोयल की राग
पर अब ना रही तुम, मेरी मोहब्बत
एक अरसा हुआ है,देखे तुम्हे
शायद नही मिल पाओगी, तुम मुझे
ए मोहब्बत मेरी तुम।
लगती हो जैसे ढलती शाम,
उगता रवि,चलती पवन
कवि की कविता,शायर की शायरी
गुलज़ार की गजल,प्रेम की कहानी
पक्षियों का कलरव, कोयल की राग
पर अब ना रही तुम, मेरी मोहब्बत
एक अरसा हुआ है,देखे तुम्हे
शायद नही मिल पाओगी, तुम मुझे
ए मोहब्बत मेरी तुम।
#दिनेश गर्ग ‘कोलू’
नाम-दिनेश कुमारसाहित्य नाम-दिनेश गर्ग कोलूवर्तमान पता- कोलू पाबूजी देचू जोधपुर राजस्थान।शिक्षा- BA.D.el.dकार्य क्षेत्र- जोधपुरप्रकाशन-कविता कहानी प्रकाशित हुई है।
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