प्राचीन समय से ही हम भगवान को रूपए-पैसे चढ़ाते आ रहे हैं। पहले उसका रुप बहुत छोटा था, पर आज उसका बहुत विस्तृत होता जा रहा है। हमारी मान्यता है कि,कण-कण में भगवान है, ईश्वर एक अवर्णनीय शक्ति है, जिसे हम महसूस करते हैं। प्रकृति के रुप में उसको देखते […]
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