प्राचीन समय से ही हम भगवान को रूपए-पैसे चढ़ाते आ रहे हैं। पहले उसका रुप बहुत छोटा था, पर आज उसका बहुत विस्तृत होता जा रहा है। हमारी मान्यता है कि,कण-कण में भगवान है, ईश्वर एक अवर्णनीय शक्ति है, जिसे हम महसूस करते हैं। प्रकृति के रुप में उसको देखते […]

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सभ्य समाज या सभ्य परिवार मनुष्य की जिंदगी को कहाँ तक प्रभावित करता है?..इसका उत्तर है कि,एक सभ्य परिवार ही सभ्य मनुष्य का उत्पादन केन्द्र है। मनुष्य के अंदर ऐसी शक्ति पाई जाती है,जो लोगों को चकित कर दे,वह उसके परिवार की ही देन है। मनुष्य जो कुछ भी सीखता […]

भारत दुनिया का चलायमान महान लोकतंत्र है। संसदीय प्रणाली इसकी मूल आत्मा और सांसद शरीर हैं, जिनके निर्वाचन की बागडोर विश्व के सबसे बड़े चुनावी निकाय भारतीय निर्वाचन आयोग के कंधे पर होती है,जिसे वह निष्पक्षता के साथ पर्यन्त निभाते आया है। चाहे वह चुनावी घोषण-पत्र में मुफ्त चीजों के […]

तकनीक के विकास और इसके बढ़ते प्रयोग ने जिंदगी की रफ़्तार इतनी तेज कर दी है कि,एक पल के लिए तो इंसान समय से भी आगे निकलने की कोशिश करता है। भविष्य देखने की यह चाहत मानो सच साबित हो सकती है,अगर वैज्ञानिकों की मानें तो,क्योंकि वे ऐसी तकनीक के […]

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‘ज़मीन नहीं बन सकी तो आसमान बन गई यथार्थ से परे बस कल्पनाओं का जहान बन गई….।।’ ऐसा होता तो होगा सबके जीवन में, नहीं तो यह ख़्याल यकायक उफ़ान नही उठाता ज़हन में। इस जीवन रुपी प्रयोगशाला में हम सभी की एक अपनी-अपनी ताख़ है,अलग-अलग आकार के कांच के […]

सरकार कहती है `डिजिटलीकरण` करो। बैंक कहते हैं-`अंधाकरण` करो। जब अंधे बैंक लूट सकते हैं,तो बैंक कर्मचारियों को अंधा नहीं कहा जा सकता। आप कैशलेस होना चाहते हैं,बैंक वही तो कर रहे हैं।  आपको कैशलेस और खुद को कैशवान। बैंक नारा देती है-रिश्तों की जमा पूंजी-आपको समझ में नहीं आता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।