लहरा लो तुम आज तिरंगा, बहे  मुक्त ज्यों पावन गंगा। माँ ने पूत बहनों ने भाई, वधूओं ने  सिन्दूर चढ़ाई। मिला तब  राष्ट्र प्रतीक यह प्यारा पुण्य पर्व है आज हमारा…। शत्रु ना बुरा नजर कर पाए, चाहे  महाभारत  हो जाए l सवा अरब हम रक्षक इसके, रंग ना तनिक […]

जीवन तो है यह अनमोल, है ऋषियों-शास्त्रों के ये बोल। धरा धाम पर नहीं अकारण, आना हुआ लो मन में तौल॥ दीप निशा में तमस मिटाता, ऊर्जा रोशनी है सूरज लाता। है पवन किए जीवन्त जगत को, पावस धरा की प्यास बुझाता॥ सौरभ सुमन विटप फल देते, नदियाँ नीर विकल […]

अश्रू नयन के मोती हैं, नाहक नहीं गिरा  लेना। गहन वेदना के मरहम हैं, काम है मन सहला देना॥ ये पीड़ा के नहीं पक्षधर, हैं पीड़ित के बेबस हथियार। निकले नयन से मन मथकर, आँसू व्यथित हृदय के भार॥ हृदय-घाव पर उठे फफोले, वाष्पीकरण होकर गिरते। निकले जहाँ दर्द वही […]

  मातु शारदे! हंसवाहिनी भक्तों को वर दे, चले शुभ्र पथ सतत् निरंतर मन निर्मल  कर दे॥ वीणा बजे तेरा कर में भवानी मधुर-मधुर स्वर  से, जिस स्वर से बह चले प्रेम की गंगा घर-घर से॥ संस्कृति कला नैतिक मूल्यों  को रहे समर्पित मन, निष्ठा की रहे सदा प्रतिष्ठा हो […]

‘चाहतें’ सदा इतिहास गढ़ती हैं,  दिल की किताब कोरी वे पढ़ती हैं। चाहा था सिया को राम ने, राधा को श्याम ने। मीरा भी बावरी बनी, रटन मोहन के नाम में। चाहत न जब पैदा हुई, थी दिल  के मकान में। राह प्रेय-श्रेय दिखते न, थे जीवन प्रगति मुकाम में॥ […]

की थी कृपा निधान, कृपा पहले जैसी आपने। वैसे ही कृपा निधान, कृपा अपनी कीजिए। सिन्धु की लघु बून्द को, यूं ही तप्त रेत पर। सैकत शैवाल संग, सूखने न दीजिए। कर्म-अकर्म विकर्म-सुकर्म, जो भी किया सठ सेवक। उसमें परिहर त्रुटि संज्ञान लीजिए। मधुर मनोहर है जगत धरोहर किंचित निज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।