थोड़ी-सी जमीं, थोड़ा आसमां चाहिएl हमें वो हमारा सुनहरा, प्यारा-प्यारा बचपन चाहिएll बचपन के वो दिन भी, लगते कितने सुहाने थेl बारिश के मौसम में, कागज़ की कश्ती बनाकर बरसात के पानी में हर रोज बहाते थेll गुड्डों का गुड़ियों संग, ब्याह रचाया करते थेl आँखें मींचे सखियों संग, छुप्पन-छुपाई […]