है हर ओर भ्रष्टाचार, भला क्या कर लोगे तुम कुछ ईमानदार, भला क्या कर लोगे ? दूध में मिला है पानी या पानी में मिला दूध करके खूब सोच-विचार, भला क्या कर लोगे ? ईमान की बात करना नासमझी मानते लोग सब बन बैठे समझदार, भला क्या कर लोगे ? […]

मेरी प्यारी-प्यारी नानी माँ, जग से न्यारी नानी माँ। जब भी मैं मायूस होता, घबरा जाती नानी माँ।। गले लगाकर मुझे मनाती, प्यार से समझाती नानी माँ। छुट्टी में मुझे बाहर ले जाती, खूब खिलौने दिलाती नानी माँ।। मेरी तबियत खराब हो जाये तो, विचलित हो जाती नानी माँ। जबतक […]

हे उत्तरायण होते सूर्य कृतज्ञ वंदन करता हूं, सबके जीवन को सुख-संमृद्धि से तूम भर देना । तेरी पावन किरणों का सब पर प्रकाश डाल कर तूम , सबके जीवन मे ऊर्जा का संचार कर देना। सती की योगाग्नि दहन के याद में आग जलाते है, पंजाब के लोग आज […]

गर्मी का मौसम था, सूरज भी दिन भर अपनी प्रचण्ड किरणें बिखेरता रहता, गर्म-गर्म हवाएँ भी खूब झुलसाने में लगी रहतीं। गर्मी की छुट्टियों में विद्यालय भी एक महीने के लिए बन्द हो चुके थे। मेरी बी0ए0 की परीक्षा भी समाप्त हो चुकी थी, बस परीक्षा-परिणाम आना बाकी था। मेरे […]

1- मंगल होते थे कभी जंगलों में नित-नित, धरा बंजर हुई जंगल उजड़ गए। पक्षियों के कलरव  कोयल की कुहू-कुहू, चीड़, सागौन कटे घोसले उजड़ गए।। पानी के बिना ही सारी सृष्टि का संकट बढ़ा, चन्द पैसों के लिए प्राणी ही उजड़ गए। शूल स्वयं बोते नर लालच में पड़कर, […]

भारत की स्वतन्त्रता के पूर्व हिंदी भारत की एक मात्र सर्वमान्य अघोषित राष्ट्र भाषा थी। आजादी की लड़ाई के परवानों ने सदा ही हिंदी को पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का भाषा सूत्र माना है और शायद यही कारण है कि भारत के संविधान निर्माण के समय भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।