मकर संक्रांति

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हे उत्तरायण होते सूर्य कृतज्ञ वंदन करता हूं,
सबके जीवन को सुख-संमृद्धि से तूम भर देना ।
तेरी पावन किरणों का सब पर प्रकाश डाल कर तूम ,
सबके जीवन मे ऊर्जा का संचार कर देना।

सती की योगाग्नि दहन के याद में आग जलाते है,
पंजाब के लोग आज लोहड़ी पर्व मनाते है,
उनकी इस भक्ति को तुम स्वीकार कर लेना,
सबके जीवन को सुख-समृद्धि से तुम भर देना,

बाबा गौरखनाथ के परंपरा को निभाते है,
आज उत्तरप्रदेश के लोग खिचड़ी पर्व मनाते है,
अर्पित खिचड़ी के प्रसाद को ग्रहण कर लेना,
सबके जीवन को सुख-समृद्धि से तुम भर देना,

नववर्ष के पहले त्योहार में पतंग उड़ाया करते है,
पश्चिम भारत के लोग इसे उत्साह से मनाया करते है,
उनकी ख़ुशियों में आज तुम भी शामिल होना,
सबके जीवन को सुख-समृद्धि से तुम भर देना,

मौसम की पहली फस्ल के लिए कामना करते है,
असम के लोग उत्साह से बिहू पर्व मनाया करते है,
उनकी कामना-प्रार्थना को तुम स्वीकार कर लेना ,
सबकी जीवन को सुख-समृद्धि से तुम भर देना,

महराष्ट्र में गजक-तिल के लड़डू खाया करते है,
आंध्रा में इसे तीन दिनों तक मनाया करते है,
इनकी खुशियों को गुड़ जैसा मीठा तुम कर देना ,
सबकी जीवन को सुख-समृद्धि से भर देना,

तमिल में किसान दाल-खिचड़ी बनाया करते है,
दक्षिण में सब लोग पोंगल पर्व मनाया करते है ,
उनके जीवन को हर्ष-उल्लास प्रदान कर देना ,
सबके जीवन को सुख-समृद्धि से तुम भर देना,

सम्पूर्ण भारत में इसे कई तरह से मनाया जाता है ,
यह त्योहार मकर-संक्रांति के नाम से जाना जाता है,
उत्तर से दक्षिण तक सबकी भक्ति स्वीकार कर लेना,
सबकी जीवन को सुख-समृद्धि से तुम भर देना ।।

#आरव शुक्ला

परिचय : आरव शुक्ला अभी छात्र हैं,पर कविताएँ रचने का शौक रखते हैं। इनका निवास रायपुर के सुन्दर नगर (छत्तीसगढ़) में है। केवल पंद्रह वर्ष के आरव की जिंदगी को लेकर खुली समझ इनके लेखन को प्रदर्शित करती है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।