काल के कपाल पर लिखता हूँ… मिटाता हूँ गीत नया गाता हूँ…गीत नया गाता हूँ कितना भी लिखें… कितना भी पढ़ें…अटल गाथा पूरी नहीं होगी…जब से यह दुःखद खबर आई… वक्त की सुई ठहर सी गई है…मेरी कलम भी इन स्मृतियों से बाहर निकलना नहीं चाहती… संसद में अटल जी […]
shambhu
भाग-३……………… फिल्म उद्योग में सभी पेशेवर हैं,काम के प्रति समर्पित,समय के पाबन्द। अलग-अलग प्रदेश,अलग-अलग भाषा के लोग कितनी अच्छी समझ के साथ मिलकर काम करते हैं,मुंबई फिल्म उद्योग इसकी मिसाल है। इस बीच फिल्म्स राइटर्स एसोसिएशन की सदस्यता भी मुझे मिल चुकी थी। करीब दो सप्ताह के बाद एक रोज मैंने हरिवंशराय […]