बोलपुर स्थित श्रीनिकेतन क्षेत्र में स्थित ‘सृजनी शिल्पग्राम’ की चर्चा के बगैर शांतिनिकेतन यात्रा का संस्मरण पूरा नहीं हो सकता… भव्य प्रवेश द्वार, सुंदर सड़क और सड़क के दोनों तरफ लहराते हरे भरे पेड़ परिसर के अंदर प्रवेश करते ही मन मोह लेते हैं…इस शिल्पग्राम की बनावट एक खूबसूरत आर्ट […]

हिंदुत्व का अलख जगानेवाले, नेपाल में ‘हिन्दू स्वयंसेवक संघ’ के संस्थापक, प्रमुख समाजसेवी श्रद्धेय मोहनलाल राजपाल के निधन पर डा. स्वयंभू शलभ ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा को नमन किया। उनके जीवन और कार्यों के बारे में बताते हुए डा. शलभ ने कहा कि स्व. राजपाल ने […]

कसक बीते हुए लम्हों की यादें उस गुलिस्तां की… एक वक्त था जब घर के अहाते के अंदर बागीचे में तरह तरह के पेड़ पौधे हुआ करते थे। अलग अलग किस्म के पेड़ पौधों के लिए अलग अलग क्यारी बनी थी। 1950 में बाबूजी ने रक्सौल स्थित अपने निवास ‘शांति […]

सब इश्तहार की तरह पढ़ते रहे मुझे, एक तुमने ही ग़ज़ल की तरह पढ़ा मुझकोl कुछ लकीरें बिखरी थीं कोरे पन्ने पर, तुमने ही सहेजकर एक तस्वीर में गढ़ा मुझकोl जिस मोड़ पे जुदा हुए तुम हाथ छोड़कर, मुड़ के देखना पाओगे वहीं पर खड़ा मुझकोl तेरे कूचे से निकलकर […]

तुम्हारी दरकिनार जिंदगी से मुझे कोई शिकायत नहीं, लेकिन एक दर्द है जो अंजाने में मेरे दिल से निकलकर होंठों पर बरबस ठहर जाता है…। जिस साहिल पर हमने मुहब्बत के घरौंदे बनाए, आज वहां उड़ती हुई रेत के सिवा मुझे कुछ दिखाई नहीं देता, लेकिन इन आती-जाती हवाओं में […]

गांधी जयंती विशेष हिमालय की उपत्यका में गंडक नदी की यह तटवर्ती भूमि वैदिक युग में अनेक ऋषि मुनियों एवं संत महात्माओं की साधना स्थली रही। प्राचीनकाल में यह भू-भाग लिच्छिवी गणराज्य के अंतर्गत था,जहां प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति का अभ्युदय हुआ। कालांतर में यह भू-भाग मगध साम्राज्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।