मै नारी हूँ, ये अपराध मेरा तो नहीं हाँ मै नारी हूँ ! तुम्हारी लेखनी ने संस्कृति के उत्कर्ष तक मुझे पहुंचा दिया धरती का प्राणी ही नहीं देवी भी मुझे बना दिया किन्तु, तुमने मुझे बना दिया पातळ की छाती को विदीर्ण करनेवाली एक चीत्कार प्रकृति-पटी पर उमड़ती कोसी […]