मेघा क्यों बृजगाँव में आए नहीं तनिक तुम हमको भाए उलट पाँव अब जाओ पुरी को जहाँ राज मोहन मन छाए । कहना उन बिन ऊसर मधुवन नहीं चहकता अब नंदनवन सूना सूना सब बृजमंडल नहीं महकता है वृंदावन । साँवरिया के मधुर मिलन बिन भला मेघ ऋतु किसे सुहाए […]
मनुज श्रेष्ठ के कर कमलों को लिखने का अधिकार मिला माँ श्वेता का वरदान मिला लेखनी को सम्मान मिला शब्दों को अनुपम जहान मिला उड़ने का अरमान मिला मन पँखों को आसमान मिला । लिखने का अधिकार मिला ।। सपनों को है आकार मिला खुशियों का संसार मिला कल्पना रूप […]
कहती शाम करो आराम , दिन भर करते काम ही काम । अब चलो तुम अपने धाम , जहाँ तुम्हारा प्यारा नाम । बहन बेटी दुआ मनाती प्रिया प्रेम की करती छाँव । अनुज श्याम कहे बलराम मातु पिता के तुम हो राम । राह निहारे सभी तुम्हारी अब चलो […]
सर सर बहती हवा कह रही मत काटो मनुज पँख हमारे , स्वस्थ साँस का स्रोत यही हैं समझो सच जीवन का प्यारे । नहीं रहेंगे विपिन अगर तो कैसे बदरा मोहित होंगे , बरखा रानी के दर्शन को तरस रहे भू अंबर होंगे । तेज ताप का होगा नर्तन […]
प्रभु जी ऐसा मेरा देश बना दो, जिसकी धरा पर पुण्य बसा हो। झूठ बोलना जहाँ पर मना हो, जहाँ सत्य का डंका बजता हो। काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार, जहाँ ये पाँच तत्व न पलते हों। प्रभु जी ऐसा मेरा…॥ जहाँ हर घर में एक शिवालय हो, जहाँ मात-पिता का आदर हो। गुरुजनों […]
घर बिजलियों की रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमग-जगमग कर रहा था। दरवाजे फूलों और वंदनवार से सजे हुए थे। मंदिर में ठाकुर जी अपनी राधारानी के साथ मंद-मंद बांसुरी की धुन से वातावरण सुवासित कर रहे थे। एक तरफ घर में मधुर संगीत की ध्वनि से ‘हम आपके हैं कौन’ […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।