देखो प्यारों,तुम सुन लो मेरे यारों, हम गीत शहीदों के गाएंगे। जिनकी कुर्बानी ने आजादी दी है, हम गीत उन्हीं के गुनगुनाएंगे॥ जन्मते रहें सदा ही इस देश में, वीर […]
अपनी संस्कृति को अपने, देश में फिर से दोहराना होगा। हमारी संस्कृति कैसी थी, उसे हरगिज़ हमें वापिस लाना होगा॥ हमारी संस्कृति हमारे ही, देश का अभिन्न अंग है। जिसको देखकर सम्मान से, तन-मन को करती संग है॥ भारतीय संस्कृति के साधकों संस्कृति को बचाना होगा। हवा में न गान […]
निर्जन नाम साथ हरे-भरे खेत-खलिहान, और कुछ आढ़ी-टेढ़ी बस्तियों-सा गाँवl कुछ अकेले और मन संचित ह्रदय वाले, आशा के रहीम,फकीर ह्रदय का मूर्छावl कर्ज में पीढ़ी-पीढ़ी और आत्मज अर्पण, बँटता रहता,रीढ़ की हड्डी-सा बचा-कुचाl मन उज्ज्वल मन्दिर,आशा उसकी माया, काया को न नसीब ह्रदय आशा का सच्चाl मन तिनकों से […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।