रुड़की | साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन को अंतरराष्ट्रीय तथागत सृजन सम्मान 2018 के लिए चयनित किया गया है।जिसके लिए राष्ट्रीय साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य डा योगेन्द्र नाथ शर्मा अरुण,उत्तराखण्ड के जनकवि डा अतुल शर्मा,मदरहुड विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति डा राजीव त्यागी, लाफ़्टर चैनल के हास्य कवि मुकेश गौतम ,मौनतीर्थ धाम […]

जिंदगी कड़वी सही,शक्कर मिलाना आ गया, ज़ख़्म पर अब तो हमें मरहम लगाना आ गया। अब छले जाते नहीं हैं आदमी की ज़ात से, के नज़र को भी नज़र से आजमाना आ गया। इन अंधेरों मे गुजर जाती हमारी उम्र ही, देखकर दम जुगनुओं का झिलमिलाना आ गया। ले गया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।