भारत की विशालता एक समय में कितनी रही होगी और उस विशालता में समाहित हुआ भूगोल और भूगोल के साथ उससे जुड़ा सम्पूर्ण इतिहास, कितना और कैसा रहा होगा, इसका परिमाप सबके पास अलग-अलग है । मगर मैं इतना सा जानता हुँ की उस विशाल […]

यों बदलती थातियों की मैं गवाही दे रहा हूँ। सद्भावना घर-घर में फैले आवाजाई दे रहा हूँ॥ उठना पड़ेगा आज तुमको गिरती हुई दीवार साधो, तोड़ डालो जुर्म का मुंह,तानाशाही दे रहा हूँ॥ लौट आएगा किसी दिन भटका हुआ मेरा मसीहा, आज इस वाज़िब वजह से वाहवाही दे रहा हूँ॥ […]

हे भारतीय राजनीति के कलंकों, अब तो देश को बख्श दो, आज़ादी से आज तक देश को छला, अब तो कुछ उत्थान हो जाने दो। अपनीकुर्सी न जाए तुम चलते हो गंदी चालें, कभी जाति, कभी धर्म, कभी भाषा की खड़ी करते हो दीवारें, आज भी देश ढो रहा है […]

किसी के पांव पे गिर जाने से, अपमान मत करना। स्वाभिमान है उसका, जो तेरे पास झुका है। मान उसका कर ले, थोड़ा ध्यान उसका कर ले। सारे विषाद मिट जाएंगे, स्नेह सुधा रस बरसेंगे। नेह स्नेह का बंधन होगा, तेरे माथे चंदन होगा। यह नूतन अभिनंदन होगा, रिश्तों का […]

सूरज और चंदा पढ़ने तो साथ ही जाते थे और साथ ही घर पर भी आते थे,परन्तु चंदा जहाँ घर पर पहुंचते ही घर के कामों में हाथ बँटाना शुरू कर देती,वहीं सूरज अपने सहपाठी बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने चला जाता और देर रात को ही घर पर आता […]

कई बार, हमने मारा है खुद को जब बचपन में मेरा बड़ा भाई अपने बड़प्पन की धौंस जमाकर मेरी इच्छा के विरुद्ध मुझसे काम करवाता था, या फिर मेरा छोटा भाई माँ-पिता का सहारा ले जिद कर,मुझसे- मेरा हक भी छीन ले जाता थाl स्कूल में, उद्दंड लड़के मेरी शराफतों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।