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भोले शंकर अबके सावन में अपने पास बुलाना।
दिल में जगह न दो तो अपने पैरो में जगह बनाना।।
शीश तुम्हारे चरणो में रख मेरा जीवन कट जाए।
सर पर हाथ रहे तुम्हारा तो हर संकट कट जाए।।
जब जब शंकर नाम तुम्हारा मेरे मुख पर आए।
मन से लेकर अंतर्मन तक सब पवित्र हो जाए।।
सावन की वर्षा की तरह मैं सारा भीग जाओं।
अपने प्यार की कुछ इस कदर वर्षा बरसाना।।
मन की चालाकियों पर अपना भोलापन बरसाना।
अबके सावन में भोले मुझे अपने द्वार बुलाना।।
नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ).
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