करो सम्मान नारी का निगाहों में हया रखना! समर्पण भाव को लेकर ज़हन अपना खुला रखना!! क़लम की धार से चाहे बदल देना सभी मंज़र! सदाकत जो अलग करती नहीं ऐसी दया रखना!! तुम्हारे आशियाने को सजाती रात दिन नारी! मिले समभाव का दर्ज़ा इरादा ये सदा रखना!! ज़मीनों आसमां […]

नफरतें दिल में ले के रखते हैं, लोग जाने ये कैसे मिलते हैंl  देखकर हमको लोग जलते हैं, गुनगुनाऊँ तो फूल खिलते हैंl  अब मुकम्मल न बात होती है, लोग टुकड़ों में बात करते हैंl  खार रस्ते पे मत बिछाओ तुम, नंगे पांवों से हम गुज़रते हैंl  वो नशा आज […]

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ऐ खुदा तू मेरी किस्मत में खुदारा लिख दे, दौलते दोनों जहाँ मेरा इजारा लिख दे। लोग जो तंग अंधेरों की घुटन सहते हैं, रौशनी और उजालों का सहारा लिख दे॥ हर तरफ छाई हुई ग़ुरबतो नादारी है, इनकी तक़्दीर मेरे मौला दोबारा लिख दे। (शब्द अर्थ : खुदारा=छोटी-छोटी वस्तुएँ […]

हसीं ज़ज़्बात का दिल में ठिकाना भी ज़रूरी है, छुपाना भी ज़रूरी है जताना भी ज़रूरी है। बिखरता है नहीं यूँ ही !उजाला इश्क़ का यारों, मुहब्बत में ये दिल अपना जलाना भी ज़रूरी है। उन्हीं बातों को दुहराने से होगा कुछ नहीं हासिल, गई जो रात तो फिर बात […]

खुशियों का भला कहाँ कोई ठिकाना होता है, बस गम है जिनका आना और जाना होता है। रहना तो होगा इक पल के लिए खुद से दूर, अपनों के बीच रहकर भी दूर जमाना होता है। जब तक है ख्वाब,नींद नहीं रहती आँखों में, हकीकत में मानो तो यह एक […]

खून-पसीने से जिंदगी होती रही दरबदर, कौन जाने कि कैसा होता है उनका घर।। गरीबी जहाँ मजबूरी बन जाए जीवन में, तो कहाँ जाए सुख चैन उनका बेअसर। तिनके-तिनके से झोपड़ी बनाते हैं वो, जहाँ खाली रह जाता है उनका सफर। कमाने वाला एक और खाने वाले चार, असमंजस में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।