करो सम्मान नारी का निगाहों में हया रखना! समर्पण भाव को लेकर ज़हन अपना खुला रखना!! क़लम की धार से चाहे बदल देना सभी मंज़र! सदाकत जो अलग करती नहीं ऐसी दया रखना!! तुम्हारे आशियाने को सजाती रात दिन नारी! मिले समभाव का दर्ज़ा इरादा ये सदा रखना!! ज़मीनों आसमां […]