उठ कवि, अपनी क़लम चला। लिख दे तू सबका भला-भला। अपावन को भी कर दे पावन, दिखा जगत को अपनी कला। क़लम की धार से कतर सर अज्ञान का, काल कराल टला। असि लेखनी बुद्धि रोशनाई, किसने भला तुझको छला। तू मानवता की सृष्टि कर दे, अधर्म,अन्याय,अनीति जला। दानवता का […]
संवेदना की मृदु धरा पर शब्द तुमने बो दिए ताल यह घोषित करेगा पद्य हो अपद्य हो ॥ १॥ मान हो अपमान हो या स्वाभिमान कि हो विजै काल यह घोषित करेगा लज्ज हो निर्लज्ज हो ||2|| राग हो अनुराग हो या प्रेम का छ्द्मावरण भाव यह घोषित करेगा लिप्त […]
मातृ-भूमि की गोद में,है स्वर्गिक आनन्द। जियें-मरें इसके लियें, रच लें सुन्दर छन्द।।1।। इसके पूजन हेतु हम,तन-मन-धन ले सर्व। हम पैदा इस पर हुए, हमको इसका गर्व।।2।। अपनी भाषा में करें,हम इसका गुण-गान। इसका बढ़ जायगा, अपना भी सम्मान।।3।। अमृत सा जल पी रहे, चन्दन सी है धूल। इसके अर्चन […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।