अरे ओ जालिम हरजाई, तू क्या जाने पीर पराई।           इस कदर तेरी याद में पूरी रात,           आंखों ही आंखों  में बिताई।   प्रेम की बरसात में भीगे थे हम,   देख फिर से वो प्रेम बदरी छाई।     […]

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नायक, नायिका से कहता है कि- हमारे तुम्हारे नैना चार हो जाए, तुम्हें भी हम पर एतबार हो जाए। करो कुछ ऐसा प्रयास अब तुम भी, मुझे तुमसे-तुम्हें मुझसे प्यार हो जाए॥ नायिका जबाब देती है- लो तुम मुझसे नैना चार कर लो, थोड़ा-सा और दिल में इंतजार कर लो। […]

माशूक द्वारा माशूका,को दिए प्रेम-पत्र की, प्रेम-पत्र छुपाया था,वो उस रूमाल को। परिवार स्नेहीजन,हर उस शख्स को जो आते-जाते पूछताछ,करे हालचाल की। सेठ साहूकार जी को,लजीज पकवान की, किसी भूखे गरीब को,रोटी और दाल की। बीते हुए समय को,आने वाले आज को, आप सभी को शुभकामनाएं नए साल की॥   […]

मुझे मालूम है कि वो मेरा नहीं है फिर भी, उसे पाने,नाकाम कोशिश किए जा रहा हूँ। मुझे पता है उसके बिना जी नहीं सकता, बेशक उसके बिना भी जिए जा रहा हूँ। वो मुझे मिलेगी एक दिन मुझे नहीं मालूम, फिर भी दिल को सब्र बंधाए जा रहा हूँ। […]

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  प्रभु जी तुम हो दुनिया के संकट मोचन, मुझे संकट से उबारो हनुमानजी। राम भक्त हो तुम,राम जी के काज संवारे, आज मेरे काज को संवारो हनुमान जी। मेरे जीवन की नैया बीच मझधार में है, मेरी नाव को पार उतारो हनुमान जी। कलयुग में बढ़ गया पाप बहुत […]

(जल हरण घनाक्षरी) जीवन की अंतिम सांसें गिनते हुए, किसी रोगी को हर मर्ज दवाई लगती हो तुम.. मेरे ख्वाबों-ख्याल की रानी कैसे बताऊँ तुम्हें, मुझे तो प्रेम की परछाई लगती हो तुम। बसंत की बहार,सावन की फुहार-सी हो, मंद-मंद बहती पुरवाई लगती हो तुम… तुमको मैंने क्या सोचा,और तुम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।