हिन्दी मेरा परिचय हैं
हिन्दी मेरा शब्दालय हैं ।
मुझको रखती चैतन्य
हिन्दी गंगा-हिमालय हैं ।
हिन्दी मेरा विद्यालय हैं
हिन्दी मेरा पुस्तकालय हैं ।
पारस – मोती जैसे शब्द
हिन्दी मेरा देवालय हैं ।।
हिन्दी में हीं माँ सुना हैं
हिन्दी बचपन का झूला हैं ।
जीवन का ऊर्जावान दीप
हिन्दी ही काशी-मथुरा हैं ।।
हिन्दी का हर शब्द प्यारा हैं
हिन्दी का इतिहास न्यारा हैं ।
संत कबीर की अमृतवाणी
हिन्दी भाषा अमृतधारा है ।।
हिन्दी भाईचारे की भाषा हैं
हिन्दी सबकी अभिलाषा हैं ।
रसखान,रहीम की साधना
हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा हैं ।।
गोपाल कौशल
धार मध्यप्रदेश