उपलब्धि

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सींचा जिसने नौनिहालों को
अपने मेहनत के पसीने से ।
जिसे देख बच्चों का मन झूम
उठता हैं सीखनें की खुशी से ।।

बिन संसाधनों के कर दिए
नायाब नवाचार हौसलों से ।
सुभाष यादव जैसा जज्बा
जगाएं हम सच्चे जतन से ।।

प्रायः शासकीय सेवारत शिक्षक साथियों के विचारों के आदान प्रदान में यह तथ्य सामने आता है कि जो शिक्षक परिश्रम से अपना कर्तव्य निर्वहन करते है …उन्हें क्या मिल जाता है ….कुछ पुरुस्कार ….या कुछ सम्मान या विभाग या समाज मे चर्चित होने का अवसर….अनुभव इसके विपरीत भी हो सकते है यथा…ज्यादा अच्छा करने पर ….उस पद से ही पृथक्त्व या स्थानांतरण लेकिन इस प्रक्रिया में जो प्राप्त होता है….वो गूंगे को गुड़ खिलाने जैसे प्रक्रम से महसूस किया जा सकता है ….वस्तुतः वह अंतर्मन का संतोष है जो चेहरे की चमक , व्यक्तित्व की खनक , ओर आत्मविश्वास और विनम्र दृढ़ता के रूप में परिलक्षित होता है….यदि में आप सभी से निवेदन करू की एक साधारण सा शिक्षक …..हालांकि यह भी भलीभाँति सिद्ध तथ्य है कि शिक्षक साधारण नही होता …सृजन ओर..प्रलय….. बहरहाल यदि एक शिक्षक के विषय मे आपको यह सूचना मिले की 350 से ज्यादा अधिकारियों जो कि भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्गों से चयनित है …..लाल बहादुर शास्त्री ….प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है …और वहाँ एक शिक्षक साथी को अपने नवाचार ओर vision की प्रस्तुति के लिए ससम्मान विनय पूर्वक आमंत्रित किया गया…विषय असहज ओर अविश्वसनीय प्रतीत होता है….परन्तु यह सत्य है …न केवल इस बात से हमारे वो शिक्षक साथी गौरवान्वित हुए है वरन पूरा विभाग और सम्पूर्ण शिक्षक समाज आज स्वयम को गौरवान्वित अनुभव कर रहा है…..बहुत बधाई भाई …. सुभाष यादव जी को …और बहुत सी उम्मीदों का अंनत आकाश जो उन्होंने हमारे लिए शिक्षा जगत के केनवास पर सतरंगी सपनो का संसार रच दिया …….हम सब बहुत गौरवान्वित है सुभाष जी …..बहुत बधाई आपको …..ओर हम सबको अपने आप पर गौरान्वित होने के लिये पर्याप्त है यह एक आलेख ….

       #गोपाल कौशल

परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।