हाँ बेटा मेरी मृत्यु पर तुम भी एक मृत्यु भोज कराना। सड़क पर कचरे से भूख मिटाती गइया है न उसे भर पेट हरा चारा खिलाना फिर जीभर शीतल जल पिलाना और देखो !सड़क पर जो आवारा से घूमते श्वान दिखे तो उन्हें भरपेट भोजन कराना हाँ एक काम जरूर […]

छत पर मेरे, बैठी चिड़िया माँगे मुझसे पानी रे।1। बून्द बून्द को तरसे आँगन झुलसे बाग बागानी रे। ताल तलया सूखे सब रीता आँख का पानी रे। बादल रूठे,रूंख पियासे रूठी बरखा रानी रे। काले मेघा भूल गए मग बिसरा चुल्लू पानी रे। छत पर मेरे ,बैठी चिड़िया माँगे मुझसे […]

तपती धरती पर नङ्गे पाँव अधजले शरीर पर अर्धनग्नता लिये हाँफती साँसों के साथ हाड़ो कि लड़ाई करता हूँ हर रोज जिंदगी जीने की हिम्मत करता हूँ तुम बैठे हो ए सी में कूलर में मैं धरती की गोद मे पसीना पोंछ रहा हूँ मैं रिक्शा चालक हूँ तुमसे  पूछ […]

डटे हुए दिन रात दीवाने नित देश मे खुशहाली हो। देखो साथी !उनके घर भी खुशियो भरी दिवाली हो। घर नही है, है देवालय वो पूजा की थाली रख आना। एक दिया उम्मीदों वाला चौखट पर उनके धर आना। खेला कूदा वो जिस आँगन झोली उस माटी से भर लाना। […]

मोमबत्तिजलाकर दो दिन  मौन मत हो जाओ तुम मैं जल रही हु हर घर मे अब तो आवाज उठाओ तुम बात अब नही बनेगी   खाली कोरी बातो से  बनकर सखा ,द्रोपदी का अबतो चीर बढाओ तुम बहुत हो चुकी नारे बाजी  दिया कोई जलाओ तुम कहि किसी नारी को अपनी […]

सोचते भी हो हमे एक पल के लिए कभी भूलते ही नही हम तुम्हे एक पल के लिए भी। कि न खुद से भी कभी जो हमने  मोहोबत तुम्ही को बेहिसाब भेजते है।  शिद्दत से पाला थाजिंदगी को  सांसो का अपनी अपनी हिसाब भेजते हैं। समझोगे दिल की बेचेनिया शायद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।