युगों युगों से योग साधना कर युगीन योगीराज हुए । विश्वनाथ योग प्राण के व्याख्याता हो निर्विकार हुए । अतुलित बल पाकर विश्वामित्र महायोग से बलवान हुए। शक्ति का अनुमान कठिन हो जायें जो योगसाधना से योगेश्वर हुए । यौगिक क्रियाओं से यौवन बना रहा ब्राह्मॠषी का। ऊँ भूर्भुवः स्वाहा […]

मृत्यु ही जीवन है जीवन महासंग्राम है मृत्यु ही एक महाविश्राम है जीना इसी का नाम है जीवन ही संघर्ष है संघर्ष ही संघर्षों का विक्रान्त है मृत्यु का है विनाशी मृत्यु जीवन का राजवंशी राजा समय है समय दृष्टिगोचर,अदृश्य दृश्यों सा शबाब है शबाब ही ख्वाब है संघर्ष सीखने […]

भूलकर वो अपने संस्कार सारे, अब तहजीब टाँगने लगे… जितने शरीफ लोग थे कल तक, वो भी अब सीमा लाँघने लगेl तासीर अब ये क्या हो गई, इस ज़माने की यारों… जिस बेटी ने छोड़ा, परायों के लिए घर अपना… कुछ बेवकूफ उसकी भी कीमत माँगने लगेll       […]

हे ईश्वर ये किस जगह पर हूँ मैं, मैं स्वयं को ही खोज नहीं पाता… मद्धिम-मद्धिम है ये सांसें अब तो, स्वयं मैं कुछ भी सोच नहीं पाताl            उसकी स्मृति में ही अब हर क्षण है, पृष्ठों में मात्र वो ही नजर आता…            लिखना तो एक ढेर चाहता […]

आसाराम-सिंधी है,राम रहीम-सिख जाट, रामपाल भी जाट,राधे माँ-खत्री सिख है तो जय गुरुदेव-अहीर हैं…यह सब गैर ब्राह्मण बाबा हैं। इन्हीं लोगों ने सनातन धर्म का सत्यानाश किया है। ब्राह्मणों का क्या महत्व है, अब सबको समझना चाहिए। परशुराम जी ब्राह्मण थे,शंकराचार्य जी भी ब्राह्मण थे और चाणक्य भी ब्राह्मण थे,जिन्होंने […]

चाहत न रही,अब वो भी अनचाहा ख्याल हो गया। एक दुआ कुबूल नहीं,अब ख़ुदा भी बवाल हो गया ll उससे मिलना तो छोड़िए, ख्वाबों  में भी नहीं आता। सहर न आई कोई,उसको सुने एक साल हो गया ll बड़ी दूर निकल आया हूँ मैं  इस  वीराने  बंजर  में। थक गया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।