मंजिल मिले ना मिले, सीढ़ी जरूर चढ़ना। लोगों के तानों से दूर, लक्ष्य की ओर बढ़ना॥ कठिन हैं सफलता के पथ, कभी ना लड़खड़ाना। साजिशों से भरी जिन्दगी, खुद को बचाना न घबराना॥ तोड़ देंगे तुझे, खुद को जोड़ लेना। आँसू ही मिलते यहाँ, सुधा समझ पी लेना॥ साथ छोड़ […]

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फुटपाथों पर नंगे बदन, कचरे बीनते नन्हें कदम दो पल की खुशी के जतन में, जब बिकती कोई बेटी नादान तब लगता है मरुं मैं,अथवा मारुं पीड़ा, दुःख गरीबी-भूख का कीड़ा। ये समाज की बंदिशें,ये लाचार से लोग, कब मिटेगी क्लान्ति इन धूमिल से चेहरों की, सामान्य,पिछड़ा,अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक आदि […]

मैं औरत हूँ, एक नहीं,दो घर बनाती हूँ। एक घर में बेटी बनकर, मान बढ़ाती हूँ। दूसरे घर में बहू बनकर, कुलदीपक जलाती हूँ। मैं औरत हूँ… एक बार नहीं, दो बार जन्म लेती हूँ। एक अपने माँ-बाबुल के दामन, दूसरा सास-ससुर के आंचल। एक रिश्ते निभाने हमें नही आते […]

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याद आने लगे,बीते वो दिन गुजरे वो दिन, कैसे रहे हम सनम,तेरे बिन ओ सनम तेरे बिन। कटते नहीं मेरे दिन,कटती नहीं  रातें, याद आती है बहुत,वो तेरी मुलाकातें। अब तो जीना नहीं है सनम, तेरे बिन ओ सनम तेरे बिन।याद आने लगे बीते वो दिन, गुजरे वो दिन॥ आस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।