एशियन खेल प्रतिस्पर्द्धा में 16 वर्षिय सौरभ चौधरी द्वारा नये कीर्तिमान सहित स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई स्वरूप मेरी रचना सोना का तगमा लिया,बना देश का नाज। सौरभ तुम पे गर्व है, हर दिल से आवाज। हर दिल से आवाज,बधाई का हो ताँता। झूम उठे सब लोग,हर्ष में तेरी माता। […]

अरमानों के पंख लगा के, नूतन वर्ष का अभिनंदन हो। पलकों के दिल द्वार खुले और, मुस्कानों से फिर चन्दन हो॥ करें कामना सबका भला हो, क्षमाशील हो दिल जो जला हो। आँखों में खुशियों के हों आँसू, आज हृदय में न क्रंदन हो॥ सेवा का संकल्प हो दिल में, […]

ऐसे मरते जाएंगे कैसे हो निर्माण देश का, जहाँ गुरु ही हो लाचार। महीनों वेतन के लाले हों, चाहे कितना रहे बीमार। सभी सुविधाएँ भोग रहे हैं, सत्ता जिनके हाथों में। ला देंगे फिर से सड़कों पर, धमकाते हैं बातों में। वो क्या समझे दर्द किसी का, जो करते हैं […]

एक समय था गुरूजी जग में, आदर ही पाते थे। चरणों में जिनके दुनिया थी, वो पूजे जाते थे। भय था बच्चों को गुरूजी से, जाने कौन सजा दे। अब किनकी हिम्मत है इतनी, थप्पड़ एक लगा दे। भरी सभा में अब गुरूजी को, ऐसे तौल रहे हैं। ला दूँगा […]

बोल गए हो कैसी भाषा, जैसे निपट अनाड़ी जी। कौन देश भारत से अच्छा, जरा कहो अंसारी जी। हिन्दू-मुसलमान,सिक्ख-ईसाई, भाई-भाई नारा है। एक-दूजे के धर्म-कर्म में, रहता नेह हमारा है। विश्व को भी परिवार समझते, मारो नहीं कुल्हाड़ी जी। कौन देश भारत से अच्छा, जरा कहो अंसारी से। रोजा रखते […]

भारत के लाल बन, दुश्मनों का काल बन। देश में तू नाम कर, सदा आगे बढ़ कर।। हौंसला बनाए रख, जीत का तू स्वाद चख। नया इतिहास लिख, जीवन में पढ़कर।। रोज तू सबेरे उठ, बात तू समझ गूढ़। आलस से दूर रह, शिखर पर चढ़ कर।। सबसे ही प्रेम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।