किसी भी राज्य अथवा क्षेत्र का अतीत जानने के लिए उसका प्रगैतिहासिक इतिहास को जाना होगा , क्षेत्र मे विद्यमान पुरातात्विक  अवशेषों और शीलाखण्डों को करीब से निहारना होगा । शीलाखण्डों से ताल्लुकात  रखने वाले तथ्यों की तथ्यात्मक तथ्य और कथानक के संदर्भित संदर्भों को पढ़ना होगा और अध्यन के […]

टूट जाए जब कोई सपना तो मजबुर मत होना, दोष ना देना कभी ईश्वर का उनसे दूर मत होना, राह चलती गाड़ी कभी भी अपना आपा खो सकती है, मुश्किल तो मुश्किल है ये कभी भी हो सकती है, जब मुझे तोड़ा सपनों के इरादो ने, मै डूबा था अपनों […]

तीन यात्री बस से सफर कर रहे थे । तीनों अलग – अलग राज्य के निवासी थे । बैठे – बैठे दो यात्रियों में बातें होने लगी । ” भाई मुझे न, बिहार वासी बिल्कुल नहीं भाते हैं । एक तो उनका अक्खड़ स्वभाव , बात-बात में डिंग हाँकने की […]

रक्तरंजित मस्तक हुआ , तिलक कहाँ लगाऊँ मैं , अब बोल दो माँ भारती , कैसे तुम्हें सजाऊँ मैं । रोम – रोम सिहर उठे , मन व्याकुल है मेरा , नैन अश्रु बरसाते हैं , कैसे इन्हें बहलाऊँ मैं । क्रूर आत्मघातियों का , धर्म समझ न आता माँ […]

जब समाज में गहरी सांस्कृतिक संवेदनहीनता जड़ें जमा चुकी हो और राजनीति अपने सर्वग्रासी चरित्र में सबसे हिंसक रूप से सामने हो, तो लोक और लोकजीवन की चिंताएं बेमानी हो जाती हैं। गहरी सांस्कृतिक निरक्षरता और जड़ता से भरे-पूरे नायक, लोक पर अपनी सांस्कृतिक चिंताएं थोपते हुए दिखते हैं। सबका […]

रोज की की भाँति आज भी रेखा स्कूल से जैसे ही घर पहुँची कि सुभाष ने तपाक से पूछा । आज भी बस से आयी न , किसी और की गाड़ी से तो नहीं ?…….. प्रतिउत्तर में रेखा ने कुछ न कह , चुपचाप अपना बैग खोला और उसमें से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।