.. विचारों, वक्तव्यों, घोषणाओं तथा नियमों से हम स्वयं को हिंदी के जितने करीब महसूस करते हैं,उतना हम हैं नहीं। वास्तव में हम उससे दूर होते जा रहे हैं। वरना आज हिंदी या राजभाषा के विमर्श के लिए यूं सैकड़ों आयोजन करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती । कभी अंग्रेजी […]

महावर लगाओ मिलन ऋतु आ रही मेहंदी रचाओ, मिलन ऋतु आ रही। चूड़ियां,कंगन चंद्रहार लाओ, सिर बोर सजाओ, मिन ऋतु आ रही। पावं बोलेंगे तब रुनझुन – रुनझुन, पायल पहनाओ , मिलन ऋतु आ रही। सुवासित सुमन वेणी संग गुथाओ, लट को सुलझाओ, मिलन ऋतु आ रही। सास ननंदिया संदेसा […]

विकास आज बेहद खुश था, क्योंकि उसके गमले में आज हरी हरी  और नन्हीं नंन्ही पत्तियां आ चुकी थीं। .. दस साल के विकास.ने आठ दस दिन पहले ही कटी हुई सब्जी के कचरे में से कुछ बीज अलग करके छोटे से गमले मे ं डाल दिये थे। गमले में […]

सुनामी का नाम लेकर सागर के पानी में चढ़कर कभी तुम आते हो भूकंप का मौखटा लगाकर जाते हो तुम केवल जीव- जंतुओं का नाशकर . आने-जाने का समय बता नहीं सकता कोई भी तुम्हे रोक नहीं सकते चाहे कितना भी शक्ति लगा ले . पहचानते नहीं हो ,किसी के […]

सीमा अपने परिवेश में माता-पिता के कुंठित विचारों से बहुत दुखी थी। वे उसकी शिक्षा बीच में ही रोक कर शादी कर देना चाह्ते थे क्योंकि उनके समाज में लड़कियों को पढ़ाना अच्छा नहीं माना जाता था।परन्तु वह क्या करे ? उसे तो अपनी शिक्षा पूरी करनी थी। कई तरह […]

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पुस्तक परिचय …………….. पुस्तक का नाम : उठने लगे सवाल विधा : दोहा लेखक : राजपाल सिंह गुलिया प्रकाशक : अयन प्रकाशन 1/20, महरौली, नई दिल्ली – 110030 प्रथम संस्करण : 2018 पृष्ठ संख्या : 96 मूल्य : 200 रुपये श्री राजपाल सिंह गुलिया का दोहा संग्रह “उठने लगे सवाल” […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।