किसी ने खत भेजा है किसी ने अरमान भेजा है, ये कैलेण्डर का एक पन्ना क्या बदला सारा जहान भेजा है। कोई जो रोज मिलता है सुबहो-शाम उसने भी, और जो बरसों से सूरत नहीं दिखाता उसने भी, जो चार दिन पहले पड़ोस में रहने आया, दिमाग पर बहुत जोर […]

तो बस युद्ध जारी है…, विराम कहाँ… हो चाहे सांझ समर में…, विराम कहाँ…l मैदान कहीं…, संग्राम कहाँ… भाले,बरछी और गदा…, तरकश के हैं तीर कहाँ…l चट्टानों-सा सीना लेकर…, डटे हुए सैनानी हैं… तकरार नहीं कोई…बैर कहाँ… बस युद्ध…युद्ध…युद्ध, विराम कहाँ ?                             […]

गुरुग्राम के निजी स्कूल में हुई अत्यंत घृणित और नीच हरकत ने पूरे देश के पालकों को डरा दिया है,मगर आखिर कब तक हम लचर और लाचार व्यवस्थाओं की सड़ी-गली बदबूदार गलियों के चक्कर खाते शिक्षा के सुधरने की बाट जोहते रहेंगे। एक अंधी होड़ है बस कैसे भी करके […]

बहुत स्मार्ट हैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी,हाथों-हाथ उतारा कर दिया हामिद अंसारी का राज्य सभा में,वाह क्या लगा-लगा के मारा और अभी तक उसी नशे में ग़ाफ़िल हैंl इतने ग़ाफ़िल कि, गोरखपुर के ६३ नौनिहालों की अस्थियाँ गंगा में विसर्जित हो जाने तक और उनके तथाकथित नकली(जैसे तमिलनाडु के किसान […]

  है आग धधकती सीने में अब काश्मीर-काश्मीर बंद करो, चिनाब में डुबाओ ले जा के या लालचौक पे अंग भंग करो।   जिस तिरंगे को लहराते शान से कब तक उसका कफन बनाएंगे, कपोत घायल हुए रक्त से और हम शांति की बीन बजाएंगें।   आग लगा दो उस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।