जहां नेमी प्रभु पशुओं की पीर देख वैराग्य पथ चुन लेते हैं जहां राम वन में भी रहकर शाकाहारी रहते है जहां वाईवल गीता पुराण सब हिंसा के खिलाफ है फिर क्यो करते मांसाहार तुम पशुओं की पीड़ा पर दया नहीं क्या बस चोला पहना है धर्म का धर्म का […]

चितवत चकित चारू चित चंचल, अकथ अलौकिक अदभुत अंचल चहुंदिशि चितवत चितवनि चंचल, घूंघट पट तर दृग-मृग चंचल, चंचल वारि पवन अति चंचल, चंचल शुद्ध सरस सरिता-जल पीपर-पात सदृश मन चंचल, जीवन भर चंचल दृग-अंचल। दिव्य रश्मि रथ रवि का चंचल, चंचल कवि की कविता चंचल हिरणी जैसी काया चंचल, […]

सब करते हैं मांग यहां अधिकारों की, गिनती कम है लेकिन ज़िम्मेदारों की। झूठे लोग भी अब धरने पर बैठे हैं, ये  रीति है एक यहां  बीमारों  की। सच्चाई की पौध लगाई गांधी ने, फसल उगी फिर कैसे खर-पतवारों की? हम क्यों ये गांधी-गांधी चिल्लाते हैं, जबकि गांधी चीज़ हुई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।