भोर हुई चारो तरफ,दिखने लगा उजास। मंगल हो हर कामना,रहे दिलों में आस।। वंदन करता मै सदा,सूरज उदय प्रसून। उठो भोर में साथियों,मिलता बड़ा सुकून।। पक्षी कलरव कर रहे,महक रहे है बाग। दूर-दूर तक भोर का,गूँज उठा है राग।। भोर हवा जीवन दवा,कहे प्रथा की नीत। तन आलस से दूर […]