कोशिश तुम पुरजोर करो

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aabha dube
कभी शोक कभी हर्ष है,
      जीवन तो संघर्ष है।
नाते-रिश्ते झूठे सारे,
         बिन मुद्रा सब व्यर्थ है।
जाति,धर्म,संन्यास,गृहस्थी,
        कामवासना मोह मद।
अपनी-अपनी सबकी तिकड़म,
          अलग सभी के अर्थ हैं।
राजनीति की लुटिया लेकर,
        जल में हैं सब खेल रहे।
लुटिया न डूबेगी जल में,
        सबसे पहली शर्त है।
कोई रोता है रोटी को,
        किसी को पानी की दरकार।
किस-किस का अब ध्यान रखेंगी,
           मोदी जी की यह सरकार।
स्वार्थ भाव का लड्डू देखो,
       हर कोई चखना चाहे है।
एक तरफ बूचड़ में बकरे,
       दूजी और ये गायें हैं।
मत रोको अब कोई किसी को,
          प्रजातंत्र की बारी है।
किसी गले में फूलों की माला,
       किसी के गले में आरी है।
सांड से पलते हैं छुटभैए,
       चाट-चाट के तलवे हैं।
नेताजी की महिमा न्यारी,
       बड़े ठाठ और जलवे हैं।
इसीलिए कहती हूँ ‘आभा’,
       कोशिश तुम पुरजोर करो,
चोर को केवल चोर ही बोलो,
        व्यर्थ का न तुम शोर करो।
                                                                     #आभा दुबे ‘अनामिका’
परिचय : आभा दुबे ‘अनामिका’ मध्यप्रदेश के मंडला में बसी हुई है। आप अखिल भारतीय साहित्य परिषद(महाकौशल प्रांत) की सदस्य हैं। साहित्य की विधा-गीत,ग़ज़ल,लेख तथा कहानी आदि में सक्रिय हैं।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।