0
0
Read Time52 Second
भोर हुई चारो तरफ,दिखने लगा उजास।
मंगल हो हर कामना,रहे दिलों में आस।।
वंदन करता मै सदा,सूरज उदय प्रसून।
उठो भोर में साथियों,मिलता बड़ा सुकून।।
पक्षी कलरव कर रहे,महक रहे है बाग।
दूर-दूर तक भोर का,गूँज उठा है राग।।
भोर हवा जीवन दवा,कहे प्रथा की नीत।
तन आलस से दूर हो,योग साधिये मीत।।
भोर हुई सूरज उदित,बढ़ें लक्ष्य की ओर।
ख्वाब हमारे हाथ में,मत करिये कमजोर।।
#नवीन कुमार भट्ट
परिचय :
पूरा नाम-नवीन कुमारभट्ट
उपनाम- “नीर”
वर्तमान पता-ग्राम मझगवाँ पो.सरसवाही
जिला-उमरिया
राज्य- मध्यप्रदेश
विधा-हिंदी
Post Views:
478