हिंदी लेख माला के अंतर्गत डॉ. वेदप्रताप वैदिक डॉ. वेदप्रताप वैदिक जहाँ तक राष्ट्रीय मीडिया की लोकप्रियता का सवाल है, यह कहना कठिन है कि उसके प्रति आम लोगों का प्रेम या आदर बढ़ा है लेकिन उसके दर्शकों और पाठकों की संख्या तो काफ़ी बढ़ी ही है। जब आज से […]

हिंदी लेख माला के अंतर्गत डॉ. वेदप्रताप वैदिक डॉ. वेदप्रताप वैदिक फ़िज़ी में 15 फ़रवरी से 12वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1975 में नागपुर से शुरु हुआ था। उसके बाद यह दुनिया के कई देशों में आयोजित होता रहा है। जैसे मॉरिशस, त्रिनिदाद, सूरिनाम, अमेरिका, […]

हिंदी लेख माला के अंतर्गत डॉ. वेदप्रताप वैदिक डॉ. वेदप्रताप वैदिक केरल, तेलंगाना और तमिलनाडू के क्रमशः मुख्यमंत्री, मंत्री और नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि उनके प्रदेशों पर हिंदी न थोपी जाए। ऐसा उन्होंने इसलिए किया है कि संसद की राजभाषा समिति ने केंद्र सरकार […]

हिंदी लेख माला के अंतर्गत डॉ. वेदप्रताप वैदिक डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में शिक्षा की कितनी दुर्दशा है, इसका पता यूनेस्को की एक ताज़ा रपट से चल रहा है। 75 साल की आज़ादी के बावजूद एशिया के छोटे-मोटे देशों के मुकाबले भारत क्यों पिछड़ा हुआ है? इसका मूल कारण यह […]

हिंदी लेख माला के अंतर्गत डॉ. वेदप्रताप वैदिक डॉ. वेदप्रताप वैदिक हर 14 सितंबर को भारत सरकार हिंदी दिवस मनाती है। नेता लोग हिंदी को लेकर अच्छे-ख़ासे भाषण भी झाड़ देते हैं। लेकिन हिंदी का ढर्रा जहाँ था, वहीं आकर टिक जाता है। भारत की अदालतों, संसद और विधानसभाओं, सरकारी […]

हिंदी लेख माला के अंतर्गत डॉ. वेदप्रताप वैदिक यदि शिक्षा और चिकित्सा, दोनों सस्ती और सुलभ हों तो देश के करोड़ों लोग रोज़मर्रा की ठगी से तो बचेंगे ही, भारत शीघ्र ही महाशक्ति और महासंपन्न भी बन सकेगा। वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।