बेटी को अभिशाप ना समझो, हैं ईश्वर का उपहार बेटियां। सृष्टि का आधार हैं बेटियां, सारे जग की सार है बेटियां। हम सबकी अभिमान बेटियां, होती घर की शान बेटियां। तनिक भी कम ना बेटों से बेटियां, रखती जिगर में दम हैं बेटियां। हर क्षेत्र में अब देखो यारों, अपना […]

पृथ्वी से सीखो, धीरज रखना सुख दुःख सारे हंसकर सहना। अम्बर से सीखो ,सबको ढकना, अपना पराया कभी ना करना। नदियों से सीखो,हर पल चलना, थक हार कर कभी ना रुकना। पर्वत से सीखो,सिर उठा कर जीना, दुष्टों के आगे कभी ना झुकना। चींटी से सीखो ,मेहनत करना, जीवन में […]

जूझा,लड़ा,चीखा-पुकारा था माँ, यूँ ही नहीं मौत से हारा था माँ। किस कसूर की मिली सजा मुझको, समझ न तब कुछ आया था माँ॥ रोया मैं, तो डांट रहा था, बकरी-सा वो मुझे काट रहा था। इस दानव से कोई छुड़ा लो मुझको, पापा-मम्मी बचा लो मुझको॥ तन थर्र-थर्र मेरा […]

वो कहते हैं कि औरत कभी हो नहीं सकती बच्ची, अरे वो तो महज एक जमीन है कच्ची। जिस पे जो चाहे,जब चाहे जोते हल,और चुक जाए तो दे दे अन्य किसी मेहनतकश को लीज पर, या उगाता जाए फसल पर फसल वो साठ की उम्र में भी पुरुष, तू […]

आकर्षण किसी विशेष,उम्र का, मोहताज नहीं, ये वो बला है जो,सबके लिए होती खास नहीं। जंचता है अगर,नजरों में कोई उसे भूलना आसान नहीं, भले कोई किसी से,कुछ न भी कहे, पर,उसके जैसा कहीं कोई तलबगार नहीं। आकर्षण कहो तुम,या कहो सम्मोहन, है ये दोनों प्रेम के ही पूरक,जैसे राधा-मोहन॥ […]

कभी खो न जाए तुम्हारा, मुझ पर है जो विश्वास, करती हूं कोशिश सदा, देश,काल,परिस्थितियाँ नहीं देती साथ। तुम्हारा विश्वास ही तो है,जो आज भी फ़िक्र करते हो मेरी, और मेरा,मेरा विश्वास भी तो देखो,किया न तुम पर अटूट। कुछ भी हुआ,पर उसे न टूटने दिया हमने, सभी की नजरों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।