भारत को चाहिए, लोह पुरुष जैसा हो पटेल, जो डाल सके,पाक के आतंकियों पर नकेल। आज उनकी जयंती पर,करते हम सब नमन, आज होते अगर वो,भारत होता विश्व चमन। मिलाकर सभी रियासतों को,भारत बना था एक, भारत के पहले ग्रहमंत्री बने उनमें गुण थे अनेक। बन सकते हैं राष्ट्रनेता,जो देश […]

इस बार रावण दशहरे पर आया, राम से बोला और वह चिल्लाया। पहले अपने मुख पर मास्क लगाओ, फिर आकर मुझ पर आकर बाण चलाओ।। कोरोना काल है,मेरी भी है मजबूरी, मुझसे रक्खो सब दो गज की दूरी। मेरे निकट जो भी कोई आ जायेगा, काल का ग्रास वह एक […]

जिस देश में हमने जन्म लिया, उस देश पर बलिदान हो जाए। जो है निर्बल असहाय गरीब, उनको तारे हम खुद तर जाए।। निज आन मान मर्यादा का, प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे। अपने भारत के साथ साथ सारे विश्व का कल्याण करे।। जो हमें धमकाए उसे हम धमकाए उसके […]

मै महाकाल,मै महाकाल मै काल का हूं, महाकाल उज्जैन में है मेरा निवास, जहा पकड़ा गया था विकास मै पूरी करता हूं सबकी आस जो श्रद्धा से आता है मेरे पास मैंने विकास को बुलाया तत्काल मै महाकाल मै महाकाल मै काल का हूं ,महाकाल नेता भी मेरे दर्शन को […]

योग एक जीवन की किर्या,इसका तुम उपयोग करो। योग करोगे निरोग रहोगे, इसको तुम प्रतिदिन करो।। निरोगी काया सबसे बड़ी है माया, इससे बड़ा कोई सुख नहीं। निरोगी रहोगे स्वस्थ रहोगे,इसकी जग में कोई तुलना नहीं।। जीवन के है चार सुख,पहला सुख निरोगी काया है। निरोग रहोगे काम करोगे,दूजा सुख […]

मत ललकार चीन हमे तू, ये बासट वाला हिंदुस्तान नहीं। चमगादड़ खाने वाले तू, हम से क्या लड़ पाएगा। जीवों की हत्या करने वाले, अब तू नहीं बच पाएगा। बना ले तू जितना सस्ता माल, विश्व में नहीं बिक पाएगा। भारत के अच्छे उत्पादन के आगे, अब तू नहीं टिक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।