आ गया प्यारा स्वतंत्रता दिवस, लेकर  अमर  क्रांति का संदेश | छाया  है  चहुँओर  हर्ष  ही  हर्ष, सबसे न्यारा-प्यारा है भारतवर्ष | लहरा  रहा  बड़ी शान से तिरंगा, दिलों में सबके बह रही प्रेमगंगा | हिंदू- मुस्लिम और सिख- ईसाई, रहते यहाँ सब मिलके भाई-भाई | सदा सुरक्षित रहे अपनी […]

पसीना झर रहा झरने की तरह जिस्म तर, कपड़े हैं तर दिन को मक्खियां और रात को मच्छर कैसे सहें इस उमस का कहर ? अमीरों ने लगाईं एसियां घरों में लेते मजे गर्मी में सर्दी का पूछो रामू से, श्यामू से कैसे गुजरती हैं रातें उमस भरीं ? खड़ा […]

आसमान पर ड़ाला ड़ेरा गाँव-शहर सबको आ घेरा बड़ी दूर से चलकर आये जाने कहाँ-कहाँ से आये तरह-तरह के रुप बनाकर बरसाते हैं मस्त फुहार आ गये बादल लेके उपहार समीर गा रही मीठी मल्हार सौंधी-सौंधी खुशबू आती कृषक मायूसी छटती जाती करे प्रतीक्षा सजनी चिट्ठी की भूले सजन सुध […]

पल-पल किया इंतजार सदियों से बीते क्षण-क्षण कर-कर इंतजार पतझड़ भी बीत गया | आ गया सावन मन भावन तुम मिलो प्रिये… इस तरह टूटे न मिलन का सिलसिला | तेरे इंतजार में, बर्बाद हुआ योवन सपने, सपने बनकर रह गये हकीकत से हुआ न सामना कितनी बीती बरसातें कोरी-कोरी […]

कैथल | टांटिया विश्वविद्यालय,श्री गंगा नगर  राजस्थान एवं किन्नर अधिकार ट्रस्ट (रजि.), कैथल, हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में गुहला-चीका, जनपद-कैथल, हरियाणा में  “किन्नर समाज विविध परिपेक्षीय विमर्श” विषयक दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बहुउद्देशीय संगोष्ठी  कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में देश- विदेश के शोधार्थीओं ने भाग लिया और अपने-अपने […]

सुबह के आठ बज चुके थे परन्तु मंत्रीजी अभी भी ओंधे मुँह बिस्तर पर पड़े-पड़े अजीबो-गरीब आवाजें निकाल रहे थे | तभी उनका निजी सहायक आ धमका – ‘सरजी-सरजी ! आठ बज गए और आज विश्वयोग दिवस का कार्यक्रम है | आपको मुख्य योगाचार्य की भूमिका निभाने जाना है |’ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।