सुबह के आठ बज चुके थे परन्तु मंत्रीजी अभी भी ओंधे मुँह बिस्तर पर पड़े-पड़े अजीबो-गरीब आवाजें निकाल रहे थे | तभी उनका निजी सहायक आ धमका –
‘सरजी-सरजी ! आठ बज गए और आज विश्वयोग दिवस का कार्यक्रम है | आपको मुख्य योगाचार्य की भूमिका निभाने जाना है |’
मंत्रीजी रेलगाड़ी वाले हॉर्न बजाते हुए उठ बैठे | आलस्यभरी झमाइयां लेते हुए बोले –
‘अरे सम्पत ! तुम भी सुबह-सुबह आ जाते हो, ठीक से सोने भी नहीं देते | तुम्हें तो पता ही है रात देर तक जागना पड़ा, सांसद भोज का आयोजन जो किया था |’
‘वो सब तो ठीक है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग आपके इस आयोजन को मृत्युभोज बता रहे हैं |’ सम्पत कुछ ड़रते हुए बोला |
‘पर… हमने तो अपनी खरीदी मीडिया को बिहार भेज दिया था, अपने पक्ष में खबर दिखाने के लिए |’ मंत्रीजी कुछ चिन्तित होते होते हुए बोले |
‘लोगों ने तो आपकी भेजी मीडिया को गिद्ध घोषित कर दिया… गिद्ध !’
‘क्या बकते हो ?’ मंत्रीजी लाल-पीले होते हुए सम्पत पर चिल्ला पड़े |
झिझकते-हकलाते हुए जी-हजूरी वाले लहजे में सम्पत बुदबुदाया –
‘अरे साहबजी… लघु मीडिया ने मरते बच्चों की तस्वीरें उजागर कर दीं और वे यहीं नहीं रुके रोते-चीखते, बिलखते माँ-बाप की तस्वीरें भी देश-दुनिया को दिखा दीं | लोगों में गुस्सा है |’
‘हुँ… गुस्सा है, जब तक वोट देने का समय आयेगा, सब भूल जायेंगे |’ मंत्रीजी कुटिल हंसी हंसते हुए बोले |
‘अच्छा ठीक है, ये बस तो चलता रहा है, चलता रहेगा, गरीब हैं, मेरा ज्यादा से ज्यादा क्या कर लेगें, दो-चार गाली देंगे अपनी झोपड़ियों में बैठकर | सब बेकार की बातें छोड़ो… योग करने जाना है | हम तैयार होते हैं |’
मंत्रीजी के योग की देश-दुनिया के न्यूज चैनलों, बड़े-बड़े समाचार पत्रों और खासकर मंत्रीजी के चैले-चपाटों ने खूब सराहना की |
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl